तबादले के बावजूद मठाधीश बना हेड कांस्टेबल, खीरी थाने में वर्षों से जमी है पकड़
लेखक: संपादकीय टीम
प्रयागराज। डीसीपी साहब... अब खीरी थाने की ओर भी एक नजर डालिए! जहां वर्षों से एक हेड कांस्टेबल तिरवेंदर सिंह की मजबूत पकड़ और थाने में बनी उनकी "मठाधीशी" लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है। बताया जा रहा है कि तिरवेंदर सिंह का दो बार स्थानांतरण आदेश — एक बार एडीजी स्तर से फतेहपुर और दूसरी बार लखनऊ के लिए — जारी हो चुका है, लेकिन वह आज भी खीरी थाने में अपनी कुर्सी जमाए बैठे हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, हेड कांस्टेबल की पहुंच किसी "बड़े राजनीतिक रसूख" तक है, जिसके चलते हर आदेश धरा का धरा रह जाता है। इससे आम लोगों में आक्रोश और पुलिस प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो थाने के आस-पास मादक पदार्थों की बिक्री और असामाजिक गतिविधियों में शामिल लोगों का तिरवेंदर सिंह से नजदीकी संबंध है। यही वजह है कि कई कारोबारी आए दिन थाना परिसर में देखे जाते हैं और उन्हें किसी रोकटोक का सामना नहीं करना पड़ता।
थाने की "कारखासी" और हेड कांस्टेबल की "मनमानी" के चर्चे आम लोगों की जुबान पर हैं। अब सवाल यह उठता है कि जब दो बार ट्रांसफर हो चुका है, फिर भी ड्यूटी स्थल पर कैसे बने हुए हैं? क्या प्रशासन इस पर कार्रवाई करेगा?
क्या होगा कार्रवाई का अगला कदम?
अब देखना यह है कि क्या डीसीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस मामले को संज्ञान में लेकर आवश्यक कदम उठाएंगे या फिर यह हेड कांस्टेबल इसी तरह थाने में मठाधीश बना रहेगा?
यह मामला जांच का विषय जरूर है, लेकिन लोगों को जवाब का इंतजार है।