मेजा में श्रीराम विवाह की कथा सुनकर भावविभोर हुए श्रद्धालु
रिपोर्ट: अतुल तिवारी
मेजा, प्रयागराज। टाई सरैया गांव में चल रही श्रीराम कथा के छठे दिन कथा वाचिका पूज्य गौरांगी गौरी जी ने भगवान श्रीराम और माता सीता के पावन विवाह प्रसंग का सुंदर वर्णन किया। कथा श्रवण के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी और पूरा वातावरण "जय श्रीराम" के जयकारों से गूंज उठा।
कथा वाचिका ने बताया कि जब भगवान श्रीराम के गुरु विश्वामित्र को पता चला कि राजा जनक के दरबार में एक दिव्य शिव धनुष रखा है जिसे माता सीता ने पूर्व में उठाया था, तो वे अपने शिष्यों सहित जनकपुरी पहुंचे। राजा जनक ने घोषणा की थी कि जो भी वीर इस धनुष को उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। अनेक राजाओं ने प्रयास किया लेकिन कोई धनुष न हिला सका। तब विश्वामित्र के आदेश पर भगवान श्रीराम ने सहज भाव से धनुष उठाकर तोड़ दिया, जिससे जनकपुरी में आनंद छा गया। माता सीता ने भगवान राम के गले में वरमाला डालकर अपने जीवनसंगिनी बनने का वर प्राप्त किया। कार्यक्रम के व्यवस्थापक प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि श्रीराम कथा का आयोजन 24 अक्टूबर से 1 नवंबर तक चलेगा और 2 नवंबर को कथा समापन के अवसर पर 11 कन्याओं का सामूहिक विवाह कराया जाएगा। कथा के मुख्य यजमान गोविंद लाल पटेल एवं श्रीमती चंद्रकली पटेल, उरुवा ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि भोला गौतम, तथा कार्यक्रम आयोजक प्रदीप कुमार सिंह सहित भारी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण के लिए उपस्थित रहे।
