सोरांव गाँव की रामलीला: 70 वर्षों से चली परंपरा, सरकारी अफसर और व्यापारी निभा रहे अहम किरदार

सोरांव गाँव की रामलीला: 70 वर्षों से चली परंपरा, सरकारी अफसर और व्यापारी निभा रहे अहम किरदार

रामलीला मंच पर किरदार निभाते कलाकार

लेखक: कुमार सत्यम गौड़ ग्रुप एडिटर लाइव न्यूज़ एक्सप्रेस

मेजा/प्रयागराज। सोरांव गाँव की रामलीला का इतिहास लगभग 70 वर्षों पुराना है और आज भी यह पूरे गाँव की आस्था और भव्यता का प्रतीक बनी हुई है। खास बात यह है कि इस रामलीला में गाँव के साथ-साथ बाहर नौकरी करने वाले सरकारी अफसर और बड़े व्यापारी भी छुट्टी लेकर विशेष भूमिकाएँ निभाने आते हैं। बलदाऊ ओझा, जो वर्तमान में सशस्त्र सीमा बल (SSB) में सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं, हर साल गाँव लौटकर बजरंगबली की भूमिका निभाते हैं। वहीं नंदू ओझा, जो बिरला कारपोरेशन में डिस्टिक मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं, रामलीला में अंगद का अभिनय करते हैं। राकेशधर द्विवेदी, जो इंडियन ऑयल में उच्च पद पर कार्यरत हैं, को लोग नारद मुनि के रूप में मंच पर देखते हैं। गाँव के ही प्रधान राजेश द्विवेदी इस रामलीला में रावण का शानदार किरदार निभाते हैं। गाँव के बड़े व्यापारी और "नंदू कंस्ट्रक्शन" व "ओझा स्टील" के मालिक संतोष कुमार ओझा, इस बार भी विश्वामित्र की भूमिका में नजर आएंगे। वहीं सोरांव गाँव के "बालाजी कारपोरेशन" के ओनर श्यामू शुक्ला, रामलीला के मुख्य किरदार व्यास पीठ गद्दी से कथा का संचालन करेंगे।

मंच से रामलीला कलाकार

इसके अलावा अखिलेश द्विवेदी, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में सेवाएं दे रहे हैं, इस रामलीला में बाणासुर का दमदार किरदार निभा रहे हैं।  रामलीला के डायरेक्टर बबन द्विवेदी हैं, जबकि मंच संचालन की जिम्मेदारी प्रभा शंकर (रिंकू) ओझा निभा रहे हैं। इस वर्ष भी सोरांव गाँव की रामलीला का शुभारंभ 24 सितंबर से मुकुट पूजन के साथ होगा। वहीं कलाकारों की रिहर्सल आज से शुरू हो गई है। गाँव की इस रामलीला की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें समाज के हर वर्ग—सरकारी नौकरी करने वाले अफसर, व्यापारी और ग्रामीण—सभी मिलकर भाग लेते हैं। यही वजह है कि सोरांव गाँव की रामलीला हर साल एक नई ऊर्जा और भव्यता के साथ और भी लोकप्रिय होती जा रही है।


एक टिप्पणी भेजें

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

और नया पुराने