उपजिलाधिकारी सुरेंद्र प्रताप यादव बने एक बुजुर्ग का सहारा
लेखक: राजेश कुमार गौड़ सीनियर एडिटर एंड कंटेंट राइटर
ज़मीन पर बैठे फरियादी को उठाकर बैठाया कुर्शी परमेजा में संवेदनशील प्रशासन की मिसाल बने उपजिलाधिकारी, लोगों ने कहा: पहली बार देखा ऐसा अफसर, जिसमें सेवा का भाव भी है और समाधान की तत्परता भी
मेजा, प्रयागराज। शनिवार को तहसील मेजा के सभागार में आयोजित समाधान दिवस के दौरान एक मार्मिक दृश्य देखने को मिला जिसने मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर दिया। जमीन की पैमाइश से जुड़ी समस्या लेकर एक बुजुर्ग व्यक्ति समाधान दिवस में पहुंचे, जो चलने-फिरने में असमर्थ थे। वे सभागार के एक किनारे ज़मीन पर ही बैठ गए थे। तभी वहां मौजूद मेजा के उपजिलाधिकारी सुरेंद्र प्रताप यादव की उन पर नजर पड़ी।
उन्होंने बिना किसी औपचारिकता के तत्काल बुजुर्ग के पास जाकर उन्हें सम्मानपूर्वक उठाया, कुर्सी पर बैठाया और विनम्रता से उनका हालचाल जानकर पूरी समस्या सुनी। इसके बाद उन्होंने मौके पर मौजूद राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस बुजुर्ग की जमीन पैमाइश से जुड़ी समस्या का तत्काल समाधान सुनिश्चित किया जाए।
इस घटना को देखकर वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखें भर आईं। चर्चा शुरू हो गई कि “मेजा में ऐसा उपजिलाधिकारी पहली बार देखने को मिला है जो न केवल समस्याएं सुनता है, बल्कि जनता के प्रति सेवा और सम्मान का भाव भी रखता है।”
स्थानीय नागरिकों ने सुरेंद्र प्रताप यादव की कार्यशैली को मानवीय और प्रेरणादायक बताया। लोगों ने कहा कि ऐसे अधिकारी प्रशासन और आमजन के बीच विश्वास की मजबूत कड़ी होते हैं।
लाइव न्यूज़ एक्सप्रेस ने जब इस पूरे मामले को नजदीक से देखा और लोगों की प्रतिक्रियाएं लीं, तो साफ नजर आया कि सुरेंद्र प्रताप यादव जैसे अधिकारियों की संवेदनशीलता ही प्रशासनिक व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव ला सकती है
