यमुना में फिर उफान, मेजा और करछना क्षेत्र के गांवों में बढ़ा खतरा — कई गांव जलमग्न,

यमुना में फिर उफान, मेजा और करछना क्षेत्र के गांवों में बढ़ा खतरा — कई गांव जलमग्न।

मेजा करछना में बाढ़ का पानी बढ़ता हुआ।
लेखक: A पटेल शोशल मीडिया हेड


प्रयागराज, 31 जुलाई। यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। मेजा और करछना क्षेत्र के कई गांवों में पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल है। हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण मेजा और मण्डा क्षेत्र में पहले ही कई कच्चे मकान ढह चुके हैं और ग्रामीणों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। अब बाढ़ की आशंका ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार बारिश के बाद अब यमुना में तेज बहाव से कई खेत और बस्तियां पानी की चपेट में आ सकती हैं। विशेष रूप से मेजा और आसपास के गांवों में खेतों में पानी भरना शुरू हो गया है और कुछ निचले इलाकों में पानी घरों तक पहुंचने लगा है।

प्रशासन हुआ सक्रिय, उपजिलाधिकारी ने किया निरीक्षण
करछना क्षेत्र के उपजिलाधिकारी ने बुधवार को संभावित बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और मौके पर मौजूद अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण व राहत कार्य से संबंधित विभागों को आवश्यक तैयारियाँ पूरी करने को कहा है। साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव, राहत सामग्री, दवाइयों और सुरक्षित ठहराव के लिए स्कूल भवनों को खाली रखने का निर्देश भी दिया गया।

मेजा में पहले ही भारी तबाही, अब बाढ़ से बढ़ी चिंता
बीते सप्ताह मेजा और मण्डा क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के चलते कई गरीब ग्रामीणों के कच्चे मकान पूरी तरह से गिर गए थे। मवेशी, अनाज और सामान भी नष्ट हो गया था। लोग किसी तरह अपने रिश्तेदारों या स्कूलों में शरण लिए हुए हैं। अब जब यमुना का पानी लगातार बढ़ रहा है, तो ये लोग दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं।

ग्रामीणों की प्रशासन से मांग
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों की संख्या बढ़ाई जाए, साथ ही राशन, पीने का पानी और स्वास्थ्य सेवाएं शीघ्र मुहैया कराई जाएं। कई गांवों में बाढ़ के हालात बनने की वजह से लोग रात भर जाग कर निगरानी कर रहे हैं।

अगले 48 घंटे बेहद अहम
जल विशेषज्ञों और मौसम विभाग की मानें तो आगामी 48 घंटे बेहद अहम माने जा रहे हैं। यदि बारिश का दौर यूं ही जारी रहा और यमुना में जलप्रवाह तेज होता गया, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रशासन ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों के स्कूलों को अस्थायी राहत केंद्रों में बदलने की योजना पर भी काम शुरू कर दिया है।


यमुना के बढ़ते जलस्तर ने एक बार फिर प्रयागराज के ग्रामीण क्षेत्रों में चिंता बढ़ा दी है। प्रशासनिक टीमें मुस्तैद हैं, लेकिन हालात पर नजर बनाए रखने और समय पर राहत पहुंचाने की चुनौती भी बड़ी है। Live News Express की टीम क्षेत्र के ताजा हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है।

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