बिना अनुमति ट्रांसफॉर्मर लगाए जाने पर शिक्षक का अनशन, अधिशासी अभियंता के आश्वासन पर टूटा आमरण अनशन

 बिना अनुमति ट्रांसफॉर्मर लगाए जाने पर शिक्षक का अनशन, अधिशासी अभियंता के आश्वासन पर टूटा आमरण अनशन

लाइव न्यूज़ एक्सप्रेस


मांडा, प्रयागराज। (राजेश कुमार गौड़)प्रयागराज जनपद के मांडा क्षेत्र में बिजली विभाग की कथित मनमानी के खिलाफ एक प्राथमिक शिक्षक को आमरण अनशन पर बैठना पड़ा। मामला नहवाई गांव निवासी शिक्षक विकास तिवारी की निजी जमीन पर जबरन ट्रांसफॉर्मर लगाए जाने का है, जिस पर शिक्षक के विरोध के बावजूद विभागीय अधिकारियों ने उल्टा विद्युत चोरी का मुकदमा भी दर्ज करा दिया।

शिक्षक विकास तिवारी का आरोप है कि प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग पर स्थित उनकी कीमती जमीन पर 23 जून को, जब वे अपने परिवार के साथ बाहर गए हुए थे, स्थानीय विद्युत अधिकारियों ने एक पेट्रोल पंप के लिए ट्रांसफॉर्मर स्थापित कर दिया। लौटने पर जब उन्होंने विरोध किया और अधिकारियों को लिखित शिकायत दी, तो विभाग ने उनके खिलाफ ही विद्युत चोरी का केस दर्ज कर दिया — जबकि शिक्षक लगातार बिजली बिल जमा करते रहे हैं।

इस उत्पीड़न से क्षुब्ध होकर मंगलवार को शिक्षक अपने समर्थकों के साथ मांडा रोड उपकेंद्र पर धरना और प्रदर्शन करते हुए आमरण अनशन पर बैठ गए। शिक्षक ने उपजिलाधिकारी (एसडीएम) मेजा को ज्ञापन सौंपते हुए ट्रांसफॉर्मर हटाने और दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की।

इस बीच मामला गर्माता देख अधिशासी अभियंता अभिनव गर्ग ने लखनऊ से पीड़ित शिक्षक से मोबाइल पर बातचीत की और दो दिन में मांडा उपकेंद्र पहुंचकर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया। इस आश्वासन के बाद शिक्षक ने अनशन समाप्त कर दिया और अपने घर लौट गए।

शिक्षक के समर्थन में पूर्व मांडा मंडल अध्यक्ष भाजपा नेता अशोक दुबे, भाजपा नेता डॉ. आनंद चौबे, विपिन पांडेय, रवि भूषण द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग धरना स्थल पहुंचे और समर्थन जताया।

इस प्रकरण ने प्रशासन और बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या किसी की निजी जमीन पर बिना अनुमति सरकारी ढांचा खड़ा करना जायज़ है? अब देखना यह है कि अधिशासी अभियंता के आश्वासन के अनुसार कार्रवाई कब तक होती है और शिक्षक को न्याय मिलता है या नहीं।

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