आईजीजी वैक्सीन की कमी से पागल सियार के काटे युवक की मौत, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल
लेखक;राजेश कुमार गौड़ सीनियर एडिटर Live News Express
मांडा, प्रयागराज। मांडा क्षेत्र में एक बड़ी लापरवाही के कारण एक युवक की जान चली गई। पागल सियार के काटने के बाद समय पर आईजीजी (इम्यूनोग्लोबुलिन जी) वैक्सीन न मिलने से मांडा खास के रहने वाले 32 वर्षीय जितेन्द्र कुमार आदिवासी की गुरुवार सुबह मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, 1 जुलाई की रात मांडा खास व गिरधरपुर गांव में एक पागल सियार ने हमला कर करीब डेढ़ दर्जन लोगों को घायल कर दिया था। सभी घायलों को मांडा सीएचसी लाया गया, जहां सामान्य वैक्सीन देकर आईजीजी वैक्सीन के लिए काल्विन अस्पताल प्रयागराज रेफर किया गया। मगर वहां भी जरूरी वैक्सीन उपलब्ध नहीं थी।
काल्विन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुमन कुमार चौधरी ने उस समय बताया था कि सामान्य एंटी रेबीज वैक्सीन तो है, लेकिन पागल जानवरों के काटने पर लगने वाली विशेष आईजीजी वैक्सीन अस्पताल में नहीं उपलब्ध कराई जाती है।
कुछ घायलों ने बाजार से महंगी आईजीजी वैक्सीन खरीदकर लगवाई, लेकिन जितेन्द्र कुमार समेत कई अन्य आर्थिक कारणों से ऐसा नहीं कर पाए। इसके चलते जितेन्द्र की तबीयत मंगलवार रात बिगड़ी। परिजन पहले मांडा सीएचसी, फिर एसआरएन प्रयागराज और वहां से लखनऊ पीजीआई ले गए, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण भर्ती नहीं किया गया। बुधवार रात उन्हें घर वापस लाया गया, जहां गुरुवार सुबह उनकी मौत हो गई।
मृतक जितेन्द्र के परिवार में पत्नी निशा देवी, आठ माह का बेटा श्रेयांश और चार साल की बेटी आंशू है। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गांव में भी दहशत का माहौल है, खासकर उन लोगों में जिन्होंने अब तक आईजीजी वैक्सीन नहीं लगवाई है।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांग की जा रही है कि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो और सभी सीएचसी और जिला अस्पतालों में रेबीज के गंभीर मामलों में लगने वाली वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
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