69000 शिक्षक भर्ती फिर संकट में, हाईकोर्ट में नई याचिका दाखिल

 69000 शिक्षक भर्ती फिर संकट में, हाईकोर्ट में नई याचिका दाखिल



लखनऊ:  उत्तर प्रदेश(लाइव न्यूज़ एक्सप्रेस टीम लखनऊ) 

उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित 69000 सहायक शिक्षक भर्ती एक बार फिर संकट में पड़ती नजर आ रही है। भर्ती प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट में एक और नई याचिका दाखिल की गई है, जिसमें चयन में पारदर्शिता और मेरिट सूची की वैधता पर सवाल उठाए गए हैं। इससे हजारों अभ्यर्थियों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

 क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 से ही विवादों में घिरी रही है। पहले कटऑफ अंक को लेकर विवाद हुआ, फिर चयन प्रक्रिया में आरक्षण की अनदेखी और गलत मूल्यांकन को लेकर कई बार कोर्ट की शरण ली गई। अब एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की गई है।

याचिकाकर्ता के आरोप


याचिका दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि:


मेरिट सूची में कई अयोग्य अभ्यर्थियों का चयन किया गया है।


OMR शीट में गड़बड़ी और नंबरों की हेराफेरी की गई।


RTI में मांगी गई जानकारी अधूरी दी गई।


चयन सूची में ट्रांसपेरेंसी नहीं है।



याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गई है कि कोर्ट एक स्वतंत्र एजेंसी से भर्ती प्रक्रिया की जांच कराए और अंतिम चयन को तब तक रोका जाए।


कोर्ट की अगली सुनवाई


हाईकोर्ट ने याचिका को गंभीर मानते हुए राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग से 18 जुलाई 2025 तक जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने यह भी संकेत दिया है कि यदि प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी पाई जाती है तो भर्ती पर रोक लगाई जा सकती है।


 क्या कह रहे हैं अभ्यर्थी?


भर्ती की प्रक्रिया से जुड़े हजारों अभ्यर्थी सोशल मीडिया पर विरोध जता रहे हैं। ट्विटर (अब एक्स) पर #69000ShikshakBhrashtachaar ट्रेंड करने लगा है। कई अभ्यर्थियों ने लखनऊ में धरना प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है।

सरकार की प्रतिक्रिया


बेसिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि "भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही है। यदि कोर्ट के आदेश आएंगे, तो विभाग पूरा सहयोग करेगा।" हालांकि सरकार की ओर से आधिकारिक बयान आना अभी बाकी है।


निष्कर्ष:


69000 शिक्षक भर्ती उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी और संवेदनशील भर्तियों में से एक है। वर्षों से जारी विवाद और कोर्ट केसों के कारण चयन प्रक्रिया लगातार बाधित हो रही है। इस ताजा याचिका से भर्ती फिर एक बार रुक सकती है, जिससे हजारों बेरोजगार युवाओं को बड़ा झटका लग सकता है।

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