माफिया अतीक के वकील विजय मिश्र पर दो मुकदमों में चार्जशीट, सही मिले रंगदारी मांगने के आरोप




उत्तर प्रदेश(पियुष मिश्रा)पुलिस कस्टडी के दौरान अतीक के करीबी वकील खान सौलत हनीफ ने विजय मिश्रा का नाम लिया था। आरोप लगाया था कि हत्या वाले दिन उमेश के कचहरी से निकलने की सूचना उसके सामने विजय मिश्रा ने अशरफ और असद को अपने फोन से इंटरनेट कॉल के जरिये दी थी।
अतीक अहमद की पैरवी करने वाले अधिवक्ता विजय मिश्रा पर दो मुकदमों में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। इनमें से एक उमेश पाल हत्याकांड जबकि दूसरा लकड़ी कारोबारी से तीन करोड़ की रंगदारी मांगने का मामला है। विजय लगभग पांच महीने पहले गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

पुलिस कस्टडी के दौरान अतीक के करीबी वकील खान सौलत हनीफ ने विजय मिश्रा का नाम लिया था। आरोप लगाया था कि हत्या वाले दिन उमेश के कचहरी से निकलने की सूचना उसके सामने विजय मिश्रा ने अशरफ और असद को अपने फोन से इंटरनेट कॉल के जरिये दी थी। इसके बाद ही उमेश पाल हत्याकांड में विजय का नाम खोला गया। विवेचना के दौरान आरोप सही मिले और इस आधार उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई।

उधर अतरसुइया थाने में दर्ज केस में लगाए गए रंगदारी मांगने के आरोपी भी विवेचना के दौरान सही मिले।पुलिस ने उस ऑडियो की फोरेंसिक जांच कराई जिसमें स्पष्ट हुआ कि उसमें जिन दो लोगों की बातचीत सुनाई दे रही है, उनमें से एक आवाज विजय की है। इसके बाद रंगदारी मांगने व धमकी देने के आरोप में उसके खिलाफ चार्जशीट लगाई गई। दरियाबाद निवासी लकड़ी व्यवसायी सईद अहमद ने यह मुकदमा लिखाया था।

आरोप लगाया कि विजय मिश्रा करीब सवा लाख रुपये की प्लाई और माइका उधार ले गया था। 17 अप्रैल को बकाया मांगने पर उसने फोन पर गालियां दीं। धमकाते हुए फोन रख दिया। 20 अप्रैल को फोन कर अतीक अहमद व उसके गुर्गों के नाम पर तीन करोड़ की रंगदारी मांगी। न देने पर जान से मारने की धमकी भी दी।

कुल नौ मुकदमों में आराेपी


- मूल रूप से ककरा कोटवा सरायइनायत का रहने वाला विजय मिश्रा कुल नौ मुकदमों में आरोपी है।

- उस पर गैंगस्टर भी लग चुका है। वर्तमान में उसका घर म्योराबाद में है।

- 2003 में झूंसी में उसके खिलाफ बलवा, मारपीट समेत अन्य धाराओं में पहला केस दर्ज हुआ।

- एक साल बाद मारपीट में ही झूंसी में दूसरा केस दर्ज हुआ।

- 2010 में मुट्ठीगंज थाने में तीन केस दर्ज हुए। यह लूट, अवैध शस्त्र रखने व गैंगस्टर के मुकदमे थे।

- 2017 में करेली थाने में धोखाधड़ी का केस लिखा गया।

- इसी साल दो मुकदमे में आरोपी बनाया गया।

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