The Burning Train:तीन कोच में सवार थे,500यात्री,यात्री बोला किसी ने चार्जर लगाया और उठने लगा धुआं


जलती ट्रेन की बोगियां



सरायभूपत/इटावा(पियुष मिश्रा)
बुधवार शाम दिल्ली से दरभंगा ट्रेन (02570) की तीन बोगियां जलकर खाक हो गईं. इसमें एक स्वीपर कोच और दो जनरल बोगी शामिल है. आधिकारिक बयान के आधार पर इस हादसे में किसी को गंभीर चोट नहीं आई है. केवल चार लोगों को मामूली चोट लगी हैं, जिनका इलाज कराया गया है. आग पर काबू पाने के बाद जली हुई तीनों बोगियों को ट्रेन से अलग किया गया और बाकी के कोचों में सभी यात्रियों को एडजस्ट कराकर ट्रेन को रवाना कर दिया गया. अधिकारियों का कहना है कि कानपुर पहुंचने के बाद ट्रेन में अतिरिक्त कोच जोड़े जाएंगे. दरअसल, घटना बुधवार शाम 5-6 बजे के बीच की है. बिहार में छठ पर्व के चलते रेलवे विभाग ने स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं. नई दिल्ली से दरभंगा के लिए 02570 क्लोन एक्सप्रेस चलाई गई है. बुधवार को जब ट्रेन इटावा से पहले सराय भूपत स्टेशन से ट्रेन गुजरी तो स्टेशन मास्टर ने स्लीपर कोच मे धुंआ देखा. तत्काल ही इसकी जानकारी वॉकी टॉकी के जरिए ट्रेन ड्राइवर और गार्ड को दी. आनन-फानन में ट्रेन रोकी गई. तब तक आग और भड़क चुकी थी. स्वीपर कोट SI और दो जनरल बोगियां आग की चपेट में थी. कोच में सवार यात्रियों ने जान बचाने के लिए कूदना शुरू कर दिया था.
रेलवे अधिकारियों, आरपीएफ सहित स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची. फायर बिग्रेड टीम बुलाई गई. धूं-धूं कर जलती बोगियों की लपटें कई फीट ऊपर तक उठ रहीं थी. लोग अपने-अपने साथ के लोगों के चिल्ला रहे थे. इस दौरान रेलवे यातायात भी बाधित रहा. फायर टीम ने आग पर काफी मशक्कत के बाद काबू पाया.यह ट्रेन हादसा गंभीर हो सकता था. क्योंकि, केवल तीन कोच में ही 500 से करीब यात्री सवार थे. लोगों से ठसा-ठस भरे तीन कोचों में तब आग लगने की बात फैली तो लोगों ने कूदना शुरू कर दिया गया था. ऐसे में महिलाएं, बच्चे, बूढ़े सभी ट्रेन से कूदे. गनीमत रही की कुछ लोगों को ही मामूली चोट आई. नहीं तो यह हादसा गंभीर हो सकता था.

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