अभागन बोलती है मुझे दुनिया सारी उनको शहीद गाथा सुना जाना कुछ काश अधूरे है मेरे उन्हें पूरा करने आजान।
मेजा/ प्रयागराज/ पुलवामा अटैक कोई कैसे भूल पायेगा, हमारे देश के जवानों को कैसे कायरता पूर्वक उनके ऊपर हमला किया गया था, उसी बटालियन में एक मेजा का भी शेर महेश यादव थे, जो अपने देश के लिए बलिदान हो गए, आज उन जवानों को शहीद हुए एक वर्ष हो गया, उन जवानों में सायद कुछ जवान ऐसे भी होंगे जो अपने परिवार अपने माँ बाप के मात्र एक ही सहारा थे, मगर आज बेटे के शहीद होने के बाद बेसहारा हो गए होंगे।
आज उन्हें पूंछने वाला कोई नही होगा, यही हाल मेजा के लाल महेश यादव के साथ भी हुवा, सरकार द्वारा उनके परिवार से किया हुवा एक भी वादा पूरा नही हो पाया, आप को बता दे कि महेश यादव एक गरीब परिवार से थे, जिनका बचपन से ही सपना था कि मैं सेना में रह कर देश की शेवा करु, आज महेश यादव ने अपना कर्तव्य दिखा दिया देश की सेवा में खुद को मिटा दिया, मग़र उनके शहीद हो जाने के बाद, महेश यादव का परिवार, व उनके बच्चें आज भी वैसे ही है। आज भी उस सदमें को नही भुल पाया महेश यादव का परिवार।