गैस सिलेंडर लीक से लगी भीषण आग, दो कमरे जलकर खाक, गृहस्थी का सामान राख

गैस सिलेंडर लीक से लगी भीषण आग, दो कमरे जलकर खाक, गृहस्थी का सामान राख

आगजनी के दौरान गाँव वालों की भीड़

लेखक: कुमार सत्यम गौड़ ग्रुप एडिटर

मेजा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सोरांव गांव में बीती रात एक बड़ी घटना हुई। सोरांव गाँव निवासी दिनेश चंद्र शुक्ला पुत्र स्वर्गीय गुलाब शंकर शुक्ला के घर में खाना बनाने के दौरान गैस सिलेंडर लीक हो गया। गैस रिसाव का पता चलने से पहले ही अचानक आग भड़क उठी और देखते ही देखते पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया।

घटना रात करीब आठ बजे की बताई जा रही है। आग इतनी तेजी से फैली कि परिवार वालों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। शोरगुल सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर जुट गए और पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। स्थानीय लोगों के प्रयास नाकाम होते देख तुरंत ग्राम प्रधान सोरांव राजेश द्विवेदी को सूचना दी गई। उन्होंने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तत्काल फायर ब्रिगेड मेजा को फोन कर बुलाया।

दो कमरे जलकर खाक, भारी नुकसान

आग से जला खपरैल का घर

आग की लपटों ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। आग बुझने तक घर के दो कमरे पूरी तरह जलकर खाक हो गए। आग की वजह से घर में रखा गृहस्थी का सामान, अलमारी, बक्सा, कपड़े, गल्ला और जरूरी कागजात तक जलकर राख हो गए। दिनेश शुक्ला का पूरा गृहस्थी बर्बाद हो गया और परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया।

फायर ब्रिगेड ने 4 घंटे बाद पाया काबू

ग्रामीणों की मदद से किसी तरह हालात संभालने की कोशिश की गई, लेकिन आग पर काबू पाना मुश्किल हो गया। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद रात 12 बजे फायर ब्रिगेड की टीम ने आग को पूरी तरह बुझाया।

इस दौरान फायर सर्विस मेजा की टीम के प्रभारी राजेन्द्र तिवारी के साथ गंगाराम यादव, विपिन, गंगा राम और छोटेलाल दुबे (होमगार्ड) ने मिलकर आग बुझाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी तत्परता से आग पर काबू पाया जा सका और आसपास के अन्य घरों को बचाया जा सका।

जनहानि नहीं, लेकिन लाखों का नुकसान

आग बुझती फायर ब्रिगेड की टीम

सौभाग्य से इस घटना में किसी की जान नहीं गई, लेकिन दिनेश शुक्ला का भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। गांव के लोग इस दुखद घटना से सदमे में हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि प्रभावित परिवार को तत्काल राहत सहायता और मुआवजा दिया जाए, ताकि वह दोबारा अपने घर-गृहस्थी को खड़ा कर सके।

प्रशासन से मदद की उम्मीद

ग्रामीणों का कहना है कि गैस सिलेंडर से होने वाली दुर्घटनाओं पर प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। इस तरह की घटनाओं से न केवल जान का खतरा रहता है, बल्कि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का सबकुछ पल भर में बर्बाद हो जाता है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और आवश्यक मदद जल्द उपलब्ध कराई जाए।

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