ब्लाक प्रमुख उरुवा प्रतिनिधि पप्पू गौतम ने उठाई बंद सामुदायिक उपकेंद्रों को चालू कराने की मांग
लेखक: कुमार सत्यम गौड़ ग्रुप एडिटर
रिपोर्ट: अतुल तिवारी प्रतिनिधि प्रयागराज
मेजा, प्रयागराज। क्षेत्र की आम जनता को बेहतर इलाज व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनाए गए सामुदायिक उपकेंद्र कई वर्षों से बंद पड़े हैं। इससे ग्रामीण मरीजों को इलाज के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब इस गंभीर समस्या को लेकर उरुवा विकास खंड की ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि आरती गौतम के पति प्रदीप कुमार उर्फ़ पप्पू गौतम ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से औपचारिक मुलाकात कर शीघ्र समाधान की मांग की है।
पप्पू गौतम ने उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया कि सीएचसी रामनगर के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत औता, चिलबिला, शुकुलपुर और परानिपुर में लाखों रुपये की लागत से सामुदायिक उपकेंद्र बनाए गए थे। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते ये उपकेंद्र कई वर्षों से बंद पड़े हुए हैं। इन केंद्रों के संचालित न होने से ग्रामीण मरीजों को छोटे-मोटे इलाज के लिए भी दूर-दराज के अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर वे पहले भी कई बार पत्राचार कर चुके हैं और समस्या को लेकर प्रयागराज डीएम को भी जानकारी दी जा चुकी है, लेकिन अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से हुई मुलाकात में पप्पू गौतम ने स्पष्ट कहा कि यदि इन उपकेंद्रों का संचालन पुनः शुरू कर दिया जाए तो आसपास के हजारों ग्रामीणों को न सिर्फ समय पर इलाज मिलेगा बल्कि बड़े अस्पतालों पर मरीजों का बोझ भी कम होगा। उन्होंने कहा कि यह जनहित का विषय है और इसे तत्काल प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने भी आश्वासन दिया कि समस्या का शीघ्र समाधान कर इन केंद्रों को चालू कराने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। गौरतलब है कि उरुवा विकास खंड जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव लंबे समय से बड़ी चुनौती बनी हुई है। सामुदायिक उपकेंद्रों के शुरू होने से गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को घर के पास ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। ग्रामीण जनता भी वर्षों से इन केंद्रों को शुरू किए जाने की उम्मीद लगाए बैठी है।
पप्पू गौतम ने कहा कि वे आगे भी क्षेत्र की जनता की समस्याओं को उठाते रहेंगे और किसी भी परिस्थिति में आम लोगों को परेशान नहीं होने देंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है और जनता की सुविधा के लिए वे निरंतर इस मुद्दे पर कार्य करते रहेंगे। प्रयागराज के ग्रामीण अंचलों में वर्षों से बंद पड़े सामुदायिक उपकेंद्रों को शुरू कराना बेहद जरूरी है, ताकि गांवों में रहने वाली जनता को समय पर इलाज मिल सके और स्वास्थ्य सेवाएं हर घर तक पहुंच सकें। स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई यह मांग अब जनता की उम्मीदों को नया बल देती है।