मेजा में मौत के गड्ढे: अवैध खनन बना मासूमों की जान का दुश्मन, प्रशासन मौन
लेखक: विशेष टीम लाइव न्यूज़ एक्सप्रेस
प्रयागराज, मेजा।
मेजा क्षेत्र इन दिनों अवैध खनन माफियाओं के आतंक से त्रस्त है। खेत-खलिहानों और गांवों के आसपास खनन के चलते गहरे गड्ढों की भरमार हो गई है। इन्हीं मौत के गड्ढों में गिरकर अब तक कई मासूम बच्चों की जान जा चुकी है। हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि बच्चों को घर से बाहर भेजना भी जोखिम भरा बन गया है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि खनन माफिया बेखौफ होकर गांवों के पास ही जमीन खोद रहे हैं। खनन के बाद खुले छोड़े गए गड्ढे बारिश में जलभराव के कारण और भी जानलेवा हो जाते हैं। हाल ही की घटनाओं में चार मासूमों की दर्दनाक मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है।
माफिया सक्रिय, प्रशासन निष्क्रिय?
ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। खनन माफियाओं के खिलाफ न ही कोई सख्त कदम उठाया गया और न ही सुरक्षा के इंतज़ाम किए गए। लोगों का आरोप है कि यह सब मिलीभगत से हो रहा है।
"अगर समय रहते प्रशासन नहीं जागा, तो हर गड्ढा एक मासूम की कब्र बन जाएगा," — यह कहना है क्षेत्र के एक बुजुर्ग ग्रामीण रामसिंह का, जिनके पड़ोस में ही हाल ही में एक बच्चा डूब कर मर गया।
जनता में आक्रोश, उठी सख्त कार्रवाई की मांग
अब स्थानीय लोग संगठित होकर इस गंभीर समस्या के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं। सोशल मीडिया और स्थानीय प्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक लगातार ज्ञापन और अपील की जा रही है कि अवैध खनन पर तुरंत रोक लगे और गड्ढों को भरवाने की प्रक्रिया शुरू की जाए।
सरकार और प्रशासन को अब गंभीर होना होगा, वरना एक और मासूम की जान जाने से पहले यह जिम्मेदारी तय करनी होगी कि दोषी कौन है — माफिया या खामोश सिस्टम?
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