प्रयागराज/उत्तर प्रदेश(पियुष मिश्रा)कल्पवासी शिविर सात सौ बीघे भूमि पर 675 तीर्थ पुरोहितों के लगते हैं
प्रयागवाल सभा समूहों में बसने वाली सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था है।मेला प्रशासन की ओर से भूमि आवंटन की सूची में जगह नहीं मिलने से तीर्थ पुरोहित नाराज हैं। सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था प्रयागवाल सभा के पदाधिकारी इस उपेक्षा की शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से करेंगे। पिछले वर्षों में सभा के 675 तीर्थ पुरोहितों को सात सौ बीघे से अधिक भूमि आवंटित होती रही है
संगम की रेती पर महीने भर के कल्पवास की शुरुआत इस बार 25 जनवरी से होगी। इसके लिए 21 दिसंबर से मेला प्रशासन ने भूमि आवंटन की तिथि घोषित की है, लेकिन इसमें तीर्थ पुरोहितों की प्रयागवाल सभा के लिए कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है। पदाधिकारियों का कहना है कि दंडीवाड़ा, आचार्यवाड़ा, खाकचौक समेत कई आध्यात्मिक संस्थाओं के लिए आवंटन निर्धारित है, लेकिन सबसे बड़े समूह की उपेक्षा आहत करने वाली है।
करीब 700 बीघे भूमि पर बसने वाले तीर्थ पुरोहितों ने उपेक्षा के लिए मेला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। बृहस्पतिवार को दारागंज में हुई बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। प्रयागवाल सभा के अध्यक्ष शिवजी शर्मा और महामंत्री रितुराज मिश्रा का कहना है कि तीर्थ पुरोहितों को सुविधाएं भी नहीं दी जातीं। बैठक में संतोष कर्महा, गंगा प्रसाद पाठक, वैभव चंद्र मिश्रा, अवशेष मिश्रा, विभव चंद्र मिश्रा समेत कई तीर्थ पुरोहित उपस्थित थे।