अशरफ के करीबी नफीस बिरयानी की मौत की होगी मजिस्ट्रियल जांच, जेल प्रशासन ने शासन को भेजी रिपोर्ट



उत्तर प्रदेश(पियुष मिश्रा)माफिया अतीक अहमद और अशरफ के फाइनेंसर नफीस बिरयानी को बीते 22 नवंबर को पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया था। उसे बीते पांच दिसंबर को केंद्रीय कारागार में निरुद्ध किया गया था। उसके बाद इसे जेल अस्पताल में ही रखा गया था।
माफिया अतीक अहमद और अशरफ के करीबी नफीस बिरयानी की दिल का दौरा पड़ने से स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में हुई मौत के मामले की मजिस्ट्रियल जांच होगी। इसके लिए जेल प्रशासन की ओर से संबंधित कोर्ट के अलावा डीएम नवनीत सिंह चहल और शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। माफिया अतीक अहमद और अशरफ के फाइनेंसर नफीस बिरयानी को बीते 22 नवंबर को पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया था। उसे बीते पांच दिसंबर को केंद्रीय कारागार में निरुद्ध किया गया था।
उसके बाद इसे जेल अस्पताल में ही रखा गया था। उसकी तबीयत बिगड़ने पर जेल प्रशासन ने उसे 17 दिसंबर को एसआरएन में भर्ती कराया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। उसकी मौत के मामले में जेल प्रशासन की ओर से संबंधित कोर्ट, डीएम और शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर का कहना है कि बंदी नफीस की मौत के मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी।
नफीस की मौत के बाद मोहल्ले में पसरा सन्नाटा, परिजनों ने साधी चुप्पी

अतीक अहमद के फाइनेंसर व ईट ऑन बिरयानी रेस्टोरेंट के मालिक नफीस अहमद की इलाज के दौरान मौत के बाद मंगलवार को उसके घर में मातम का माहौल है। नफीस की पत्नी व उसके तीन बेटियों का रो रोकर बुरा हाल है। इसके साथ पास-पड़ोस के गलियों में भी सन्नाटा पसरा रहा। वहीं नफीस के परिजन व करीबी रिश्तेदार भी नफीस की मौत को लेकर कुछ भी बोलने से बचते रहे हैं।

नफीस के मौत के बाद उसे काला डांडा के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक तो कर दिया गया, लेकिन उसके साथ-साथ परिजनों की चीख-चीत्कार भी दफन हो गई। सोमवार को पोस्टमार्टम के दौरान उसके दो भाइयों के अलावा तीन अन्य रिश्तेदार ही वहां पहुंचे थे। उसके भाई वसीम व नसीम की आंखों के आंसू भी पलकों तक आकर सूख जा रहे थे। गले का कंठ अंदर ही अंदर आंसुओं के घूंट को पीए जा रहे थे। वह अपने भाई के मौत के दुख को भी लोगों के सामने व्यक्त नहीं करना चाह रहे थे।

बस एक कुर्सी पर दोनों भाई गमजदा होकर बैठे रहे। कोई मीडिया कर्मी कुछ भी नफीस को लेकर उनसे पूछने जाता तो कुछ बोले बिना ही वह वहां से हट जाते थे। वहीं शव के पोस्ट मार्टम हाउस से निकलने से कुछ समय पहले नफीस का एक अन्य करीबी आया उससे जब नफीस को लेकर सवाल पूछा गया तो वह उसके परिजनों के साथ होने से ही इनकार कर दिया।

बताया कि वह किसी अन्य शव के इंतजार के लिए खड़ा है। लेकिन जैसे ही नफीस का शव पोस्टमार्टम हाउस से बाहर निकला, वह व्यक्ति भी अपनी मोटर साइकिल लेकर एंबुलेंस के पीछे-पीछे चल दिया। एक समय ऐसा था कि नफीस का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लोग लेते थे। जिले के नामी लोग उसके रेस्टोरेंट का बिरयानी खाकर बड़े ही गर्व के साथ अपने दोस्ताें व करीबियों को बताते थे। लेकिन उमेश पाल हत्याकांड के बाद जब से नफीस बिरयानी की संलिप्तता की पुष्टि हुई उसके बाद से ही उसके जितने करीबी थे सभी दूरी बना लिए।


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