प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आर्य समाज कीडगंज की ओर से कराई जा रही शादियों पर रोक लगा दी है। मामले में प्रयागराज के एसएसपी को जांच का आदेश देते हुए अगली सुनवाई पर हलफनामे के साथ रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
कोर्ट ने यह भी निर्देश आर्य समाज के कार्यालय से फर्जी विवाह प्रमाण पत्र जारी होने के आरोप पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि आरोप सही पाए जाएं तो संस्था के कथित प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और रजनीश कुमार की खंडपीठ ने कपिल कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई केलिए आठ अगस्त 2022 को तिथि तय की है।
कोर्ट ने कहा की प्रमाणपत्र बिना उचित सत्यापन या विवाह समारोह के प्रदर्शन के जारी नहीं किए जा सकते हैं और न ही किसी निकाय को केवल मांगे जाने पर विचार करने के लिए प्रमाण पत्र जारी करने की अनुमति दी जा सकती है। इसलिए यह उचित होगा कि मामले की जांच कराई जाए।
दरअसल कोर्ट में याचिका दाखिल कर याची ने कोर्ट के समक्ष सुरक्षा की मांग की थी। याची का तर्क था कि वह प्रतिवादी से शादी कर चुका है। उसकी शादी का प्रमाणपत्र आर्य समाज कृष्णानगर कीडगंज के पुजारी संतोष कुमार शास्त्री की ओर से 25 जुलाई 2016 को जारी किया गया है। इसके बावजूद उसके खिलाफ मथुरा के राया थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है और प्रतिवादियों की ओर से उनकी शादी को अवैध बताते हुए परेशान किया जा रहा है। याची ने एफआईआर को कानूनन गलत बताया।
सुनवाई के दौरान उस समय नया मोड़ आया जब याची की मां की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने बताया कि याची की शादी पहले ही मथुरा में दलवीर से हो चुकी है। आर्य समाज कीडगंज में उसकी शादी नहीं हुई है। केवल फर्जी विवाह प्रमाणपत्र जारी किया गया है। इस वजह से यह विवाह वैध नहीं है।
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