राशनकार्ड के वावजूद भी नही मिल पा रहा है राशन
मेजा/प्रयागराज
सरकार द्वारा भेजा जा रहा गल्ला कोटेदार कहां बांट रहे है, अब वही बता सकते है। इस लाकडाउन मे ज़्यादातर गावों में कोटेदारों की लगातार शिकायते आ रही है। बता दे कि इलाकाई थाना क्षेत्र के खानपुर में भी कोटेदार राजकरन यादव की शिकायत सामने आरही है, ग्रामीणों की माने तो कोटेदार राजकरन यादव, हमेसा से गल्ले में घालमेल करता चला आरहा है, मग़र इस लाकडाउन मे ज्यादातर लोग अपना राशन लेने पहुच रहे है। मग़र कोटेदार लोगो को नये कार्ड धारक व पुराने कार्ड धारक के दांवपेंच की गुथ्थी में भ्रामित कर अपना कानून पढा कर भेज दे रहा है। गाँव के ही निशा तिवारी पत्नी स्वर्गीय अमन तिवारी का कहना है कि, कार्ड होते हुए भी नही मिला राशन, कोटेदार राजकरन यादव से बात की तो उन्होंने मुझे दो दिन बाद राशन देने की बात कही,
जब दो दिन बाद सरकारी गल्ले की दुकान पर गई तो, मुझे वहां यह कह कर भेज दिया गया कि तुम्हारा कार्ड नया है, और नए कार्ड धारकों को गल्ला नही दे पाऊंगा, मग़र निशा तिवारी का कहना है कि, उनका कार्ड पहले से ही बना है, पुराने कार्ड धारक है, मग़र कोटेदार अपनी रट लगाए रहा, अंततः निशा को बेरंग वापस लौटना पड़ा, बता दे कि निशा तिवारी एक विधवा है, जिनके दो छोटे-छोटे बच्चे भी है, वह किसी तरह से अपने बच्चों को पाल पोष रही है। अगर ऐसे गरीब लाचारों को सरकारी लाभ नही मिल पा रहा है, तो क्या उम्मीद कर सकते है ।
वही नये कार्डधारक दिव्यप्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि, मेरा कार्ड दो मार्च का बना है जिसमे मैं और मेरी पत्नी मीना त्रिपाठी व मेरी माता उर्मिला त्रिपाठी जो तीन यूनिट है, जिसपर मुझे पिछले महीने का राशन भी मिला था, मग़र इस बार कोटेदार राशन देने से साफ़ मना कर रहा है, जब कि गाँव के ही चंद्रा देवी पत्नी जटा शंकर गुप्ता, शिखा पत्नी शैलेन्द्र तिवारी, शकुंतला देवी पत्नी शुशील तिवारी, जिनका कार्ड हाल ही में बना है, उनको राशन दिया गया, जिसका मैं साक्षात प्रमाण हु, मग़र मुझे नये कार्ड का पाठ पढ़ा कर भेज दिया गया, ग्रामीणों की माने तो 385 आवंटन में जिन लोगो का नाम है, जैसे निशा तिवारी व तमाम अन्य लोगो को भी राशन नही दिया गया।
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