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हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, दो साल बतौर थाना प्रभारी पूरा किये तबादला करना गलत



इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक थाने में बतौर थाना प्रभारी दो वर्ष की अवधि पूरी किए बिना किये गये तबादले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने तबादला आदेश पर रोक के साथ साथ बिजनौर के एसपी के कार्य मुक्त करने के आदेश पर भी रोक लगा दी है। और प्रदेश सरकार से छह हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने अपर पुलिस महानिदेशक स्थापना लखनऊ व एसपी बिजनौर को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।


यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने बिजनौर के हल्दौर थाना प्रभारी शिवकुमार गौर की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता विजय गौतम ने बहस की। याची के अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि 16 सितम्बर 17 से याची हल्दौर थाने में थाना प्रभारी के रूप में तैनात किया गया। अपर पुलिस महानिदेशक स्थापना लखनऊ के साथ 7 मार्च 18 के आदेश से याची का तबादला बिजनौर से इलाहाबाद जोन में प्रशासनिक आधार पर कर दिया गया। इसके अनुपालन में 11 मार्च 18 को एसपी बिजनौर ने याची को कार्यमुक्त भी कर दिया। इन दोनों आदेशों को याचिका दायर कर चुनौती दी गयी है।


याची अधिवक्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह केस में दिये गये दिशा निर्देशों का इस तबादला आदेश में उल्लंघन किया गया है। कहा गया कि नियमानुसार थाना प्रभारी को प्रकाश सिंह केस के मुताबिक दो वर्ष की अवधि पूरी किये बगैर एक थाने से दूसरे थाने में तबादला नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याचिका पर सरकार से जानकारी मांगी थी।



सरकार ने इस मामले में कोर्ट को जानकारी मुहैया करायी गयी थी परन्तु प्रशासनिक आधार पर तबादला करने के तथ्य न होने के कारण कोर्ट ने तबादला आदेश पर रोक लगा दी है।कोर्ट अब इस याचिका पर पांच हफ्ते बाद सुनवाई करेगी|

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