गंगा का बढ़ता जलस्तर बना ग्रामीणों के लिए संकट, कई गांवों में घुसा पानी, प्रशासन नदारद
लेखक: राजेश कुमार गौड़ सीनियर एडिटर एंड कंटेंट राइटर
मांडा, प्रयागराज। प्रयागराज के मांडा क्षेत्र में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे तटवर्ती गांवों में दहशत और संकट दोनों गहराते जा रहे हैं। बीते तीन दिनों से गंगा का पानी कई गांवों में घुस चुका है और हालात बाढ़ जैसे होते जा रहे हैं।
कई गांवों में घरों तक पहुंचा गंगा का पानी
महेवा कला गाँव में नालों के माध्यम से गंगा का पानी अब लोगों के घरों में घुसने लगा है। ग्रामीण विद्या कांत पांडेय और राजा पांडेय ने बताया कि गंगा का यह रौद्र रूप उन्हें 1978 की विनाशकारी बाढ़ की याद दिला रहा है। डेंगुरपुर गाँव में गंगा का कटान तेज हो गया है, जिससे तट के पास बसे मकानों पर खतरा मंडराने लगा है।
फसलें बर्बाद, बामपुर गाँव डूबने की कगार पर
बामपुर गाँव की कछार में करीब 200 बीघे में की गई परवल, करैला और नेनुआ की खेती पूरी तरह डूब चुकी है। अब गंगा का पानी गांव के भीतर प्रवेश कर चुका है। इसी तरह चौकठा नरवर समेत मांडा क्षेत्र के अन्य गांवों में भी गंगा का पानी तेजी से फैल रहा है।
प्रशासन पर उठे सवाल, राहत इंतज़ाम नदारद
स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक न तो कोई अधिकारी गांवों का निरीक्षण करने आया है, और न ही राहत या रैन बसेरे की कोई व्यवस्था की गई है। ग्रामीणों को डर है कि अगर गंगा का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो उन्हें अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ेगा।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल गांवों में निरीक्षण कर राहत कार्य शुरू किया जाए और अस्थायी शिविरों की व्यवस्था की जाए ताकि लोग सुरक्षित रह सकें।
लाइव न्यूज़ एक्सप्रेस की टीम इस संकट पर लगातार नजर बनाए हुए है।
जैसे ही प्रशासन की कोई कार्रवाई होती है, हम आपको सबसे पहले अपडेट देंगे।
