में नलकूपों की स्थिति बदहाल, किसानों की बढ़ी परेशानी

 में नलकूपों की स्थिति बदहाल, किसानों की बढ़ी परेशानी

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मांडा, प्रयागराज।(राहुल यादव)मांडा क्षेत्र के किसानों के लिए नलकूपों की बदहाल स्थिति चिंता का विषय बन गई है। खेतों में धान की रोपाई का समय चल रहा है, लेकिन अधिकतर सरकारी नलकूपों पर ताले लटके हैं और वहां कर्मचारियों की कोई मौजूदगी नहीं है। इससे किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

टिकरी गांव में स्थिति बेहद खराब
मेजा तहसील के टिकरी गांव स्थित नलकूप संख्या 107 एम बुधवार को दोपहर एक बजे तक बंद पड़ा रहा। स्थानीय किसान कई बार नलकूप के पास गए, लेकिन वहां न कोई कर्मचारी मिला और न ही कोई सूचना। किसान इंद्रजीत पांडे, लक्ष्मी शंकर, जय प्रकाश पांडे, दिनकर पांडेय और अनुपम सिंह समेत अन्य किसानों ने बताया कि तैनात कर्मचारी मनमानी तरीके से आते-जाते हैं और ज्यादातर समय नलकूप बंद ही रहता है।

निजी संसाधनों से सिंचाई कर रहे किसान
सरकारी नलकूप बंद होने के कारण किसानों को प्राइवेट संसाधनों से सिंचाई करनी पड़ रही है। इसके लिए उन्हें प्रति घंटे ₹100 से ₹120 तक खर्च करने पड़ रहे हैं, जो उनकी आर्थिक स्थिति पर सीधा असर डाल रहा है। इतना खर्च करने के बाद भी समय पर पानी न मिलने से फसलों को नुकसान हो रहा है।

कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप
किसानों का कहना है कि कई नलकूपों पर ताले लटके हुए हैं और जिम्मेदार कर्मचारियों को इस बात की कोई चिंता नहीं है। किसानों के अनुसार अधिकारी और कर्मचारी इस पूरे मामले में लापरवाही बरत रहे हैं, जबकि यह समय धान की रोपाई का है और एक-एक दिन की देरी भारी नुकसान पहुंचा सकती है।

अधिकारियों का दावा — सब ठीक है
इस संबंध में जब नलकूप के जूनियर इंजीनियर (JE) हरी नारायण बिंद से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि नलकूप में कोई तकनीकी समस्या नहीं है। उनके अनुसार, एक कर्मचारी को चार नलकूपों की देखरेख करनी पड़ रही है, जिससे समय पर पहुंचने में दिक्कत होती है। हालांकि उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अब किसानों को पानी की समस्या नहीं होगी और सिंचाई नियमित रूप से जारी रखी जाएगी।

किसानों की मांग — हो स्थायी समाधान
किसानों की मांग है कि सरकार और संबंधित विभाग नलकूपों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करें और कर्मचारियों की जवाबदेही तय करें। यदि समय रहते समाधान नहीं निकाला गया, तो आने वाले दिनों में खेती पर और बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।

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