नई दिल्ली, चुनावी की तारीखों का ऐलान करते हुए चुनाव आयोग ने कोरोना के नए वैरिएंट के खतरे को भांपते हुए प्रचार पर पाबंदियां लगाई थी, जिसको अब धीरे-धीरे कम किया जा रहा है। हाल ही में आयोग की तरफ से जनसभाओं के लिए ढील दी गई थी। वहीं रोड शो-वाहन रैलियों पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ाई थी, जिसके बाद अब शनिवार को फिर से चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में प्रचार के प्रावधानों में और ढील दी है। जहां पदयात्रा को इजाजत दी गई है तो प्रचार का समय भी बढ़ाया गया है
चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव प्रचार के प्रावधानों में मिली और ढील के अनुसार कैंपेनिंग के समय को पहले से बदला गया है। पहले जहां रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक वक्त था। अब राजनीतिक दल और उम्मीदवार सभी मौजूदा निर्देशों यानी कोविड गाइडलाइन के साथ एसडीएमए के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक प्रचार कर सकते हैं। इसी के साथ पदयात्रा की भी इजाजत दी गई है।
वहीं राजनीतिक पार्टी/उम्मीदवार खुले स्थानों की क्षमता का अधिकतम 50 फीसदी या एसडीएमए द्वारा निर्धारित सीमा, जो भी कम हो के साथ जनसभाओं को कर सकते हैं। वहीं पदयात्रा भी स्वीकृत व्यक्तियों की संख्या के साथ निकाली जा सकती है। हालांकि जिलाधिकारी की पूर्व अनुमति के साथ ही ऐसा किया जा सकेगा। इसी के साथ चुनाव प्रचार से संबंधित अन्य सभी मौजूदा नियम पहले की तरह लागू रहेंगे।
आपको बता दें कि चुनाव आयोग का यह फैसला अब ऐसे वक्त आया है, जब उत्तराखंड और गोवा के लिए प्रचार थम चुका है। इसी के साथ यूपी में दूसरे चरण का चुनावी प्रचार खत्म हो चुका है। बता दें कि 14 फरवरी को उत्तराखंड में 70, और गोवा की 40 और यूपी की 55 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी।