उत्तर प्रदेश(पियुष मिश्रा)जमीन से 13 हजार फीट की ऊंचाई से विंग सूट पायलट के साथ अनामिका ने विमान से छलांग लगाई। छह हजार फीट की उंचाई पर से उन्होंने विंगसूट पायलट के ऊपर से छलांग लगाई। इसके बाद चार हजार फीट की उंचाई पर पैराशूट खोलकर सफल लैंडिंग भी की।
संगमनगरी की युवा स्काईडाइवर अनामिका शर्मा (23) ने शनिवार को एक और उपलब्धि बटोरते हुए बैंकाक में 13 हजार फीट की उंचाई से हैरतअंगेज छलांग लगाई है। यूएसपीए (यूनाइटेड स्टेट पैराशूट एसोसिएशन) की सी कैटेगरी की स्काईडाइविंग लाइसेंस प्राप्त कर चुकीं अनामिका ने विंगसूट पायलट के साथ टीएसी-750 विमान से यह छलांग लगाने वाली भारत की पहली महिला बन गई हैं। इस छलांग को लोकप्रिय रूप से रोडियो स्काईडाइव जंप के नाम से जाना जाता है। रेडिया स्काईडाइविंग अबतक भारत की किसी भी महिला स्काईडाइवर ने नहीं पूरी की है।
जमीन से 13 हजार फीट की ऊंचाई से विंग सूट पायलट के साथ अनामिका ने विमान से छलांग लगाई। छह हजार फीट की उंचाई पर से उन्होंने विंगसूट पायलट के ऊपर से छलांग लगाई। इसके बाद चार हजार फीट की उंचाई पर पैराशूट खोलकर सफल लैंडिंग भी की। इससे पहले पिछले साल उन्होंने विंगसूट पायलट के नीचे लटककर विंगसूट स्विंग स्काईडाइव जंप किया था। अनामिका 20 वर्ष की उम्र में स्काईडाइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाली भारत की सबसे कम उम्र की लाइसेंस प्राप्त स्काईडाइवर भी हैं। इससे पहले अनामिका ने पिछले साल 27 नवंबर को थाईलैंड के रेयांग शहर में 13 हजार फीट की ऊंचाई से विंगसूट की सहायता से छलांग लगाकर साहसिक खेलों में खास उपलब्धि हासिल की थी।
अनामिका ने बताया कि उन्हें बचपन से ही साहसिक करतब को देखना और करना दोनों पसंद रहा है। उन्हें अपने पिता से बहुत सपोर्ट मिलता है। वह भारत का नाम पूरे विश्व में इस क्षेत्र में स्थापित करना चाहती हैं। अनामिका बेंग्लूरु बीएसएमआईटी से बीटेक कर रही हैं। इससे पहले उन्होंने स्कूली शिक्षा प्रयागराज में केंद्रीय विद्यालय मनौरी और संस्कार इंटरनेशनल स्कूल सुलेमसराय में ग्रहण की है। प्रयागराज के सुलेमसराय में रहने वाली अनामिका मूलत: बिहार के जहानाबाद के करौली गांव की रहने वाली हैं।
अब तक यह कीर्तिमान अपने नाम किए
अनामिका शर्मा ने अपनी पहली स्काईडाइविंग जंप महज दस वर्ष की उम्र में ही की थी। वह ऐसा करने वाली भारत की सबसे कम उम्र की महिला बन गई थी। 20 साल की उम्र में उन्होंने स्काईडाइविंग का लाइसेंस प्राप्त कर लिया, ऐसा करने वाली वह एशिया की सबसे कम उम्र की महिला बनीं। वह अब तक 300 स्काईडाइव पार करने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला बन चुकी हैं। दुर्लभ विंगसूट स्विंग स्काईडाइव और विंगसूट रेडियो स्काईडाइव दोनों करने वाली वह एकमात्र भारतीय स्काईडाइवर बन चुकी हैं। उनके पिता भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त जूनियर वारंट ऑफिसर, प्रशिक्षित कमांडो और प्रोफेशनल स्काईडाइवर अजय कुमार शर्मा भी अबतक करीब 650 बार स्काईडाइविंग कर चुके हैं।