*प्रबुद्धजन जब मजबूत होता है तो राजनीतिक नेतृत्व उसके चौखट पर दस्तक देता हैः कैलाश विजयवर्गीय *


प्रयागराज़ः प्रयाग प्रबुद्ध जन सम्मेलन सोमवार को उत्तर मध्य सांस्कृतिक केन्द्र में सम्पन्न हुआ। 
प्रबुद्ध जनों से संवाद करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अधिवक्ताओं की तुलना कालिदास से की। 

उन्होंने कहा विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत है। वोट कास्टिंग राजनीतिक दल की भूमिका, उम्मीदवार की भूमिका, मत का मूल्य आदि का लोकतंत्र में महत्व है। यदि नेतृत्व सही रहता है तो मतदाता जात को प्रधानता नहीं देता। प्रबुद्ध जन जब मजबूत होता है तो राजनीतिक नेतृत्व उसके चौखट पर दस्तक देता है। 

यदि देश में भारत तेरे टुकड़े होंगे हजार जैसे नारे लगते हैं तो और इसके लिए प्रबुद्ध जन ही खड़े होते हैं। 

लोकतंत्र में जाति के आधार पर वोटिंग करेंगे तो लोकतंत्र को खतरा होगा। इस देश में प्रधानमंत्री ने जब अयोध्या में भूमि पूजन किया तो इस देश में कि सोशल मीडिया में यह ट्रेंड करने लगा कि यह आज का काला दिन है। इसके समर्थन में इस देश के बुद्धिजीवी खड़े हुए। आज प्रबुद्ध जनों को यह सोचना पड़ेगा कि ऐसे नारे लगाने वाले लोगों को हम कैसे बहिष्कृत करें। इस देश का दुर्भाग्य है कि देश में ऐसा नारा लगता है और इस देश के लोग बर्दाश्त करते हैं। 

सोशल मीडिया नेता से संवाद करने का अच्छा माध्यम है। प्रभावशाली लोगों को सोशल मीडिया पर राजनीतिक दल पर कमेंट करते रहना चाहिए और उनकी कमियों को उजागर करते रहना चाहिए। ऐसा करने से लोकतंत्र मजबूत होता है। लोकतंत्र में लोकहित और लोकप्रिय में अंतर करना पड़ेगा। 

कभी-कभी राजनीतिक दलों की मजबूरी होती है कि लोकहित में ना होते हुए भी लोकप्रिय निर्णय करना पड़ता है और यह हमारा प्रबुद्ध समाज है, उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वह लोकहित के विषय पर शासन तंत्र के साथ खड़ा रहे। प्रबुद्ध समाज ही ऐसा वर्ग है जो लोकहित के निर्णय के साथ खड़ा रह सकता है। झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग लोकप्रिय और लोकहित के अंतर को नहीं समझते। यह अंतर केवल प्रबुद्ध समाज ही समझता है। समाज मर्यादा से चलता है। शासन कानून से चलता है। लेकिन आज समाज में यह टूटन दिखाई पड़ रही है। 

आप अपने दिल के उद्गार हम लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से भेज सकते हैं और हम लोग भी सोशल मीडिया में जो कमेंट रहते हैं उसको पढ़ते हैं। लोकतंत्र की दुर्दशा के लिए झुग्गी झोपड़ी में रहने वाला व्यक्ति जिम्मेदार नहीं है। यह प्रबुद्ध समाज है जो लोकतंत्र में वोट का मूल्य जानता है लेकिन वोट डालने नहीं जाता। लोकतंत्र की सबसे बड़ी बुराई यह है कि लोग सही को सही और गलत को गलत नहीं कह पा रहे हैं और अंत में उन्होंने कहा कि दिल्ली का दरवाजा उत्तर प्रदेश से होकर के जाता है। यह बुद्धिजीवियों को तय करना है कि देश किस दिशा में जाएगा देश के सबसे बड़े प्रजातंत्र का प्रधानमंत्री को जो आज सम्मान विदेशों में मिल रहा है वह इस देश के 135 करोड़ भारतीयों का है। 

डॉ. यूवी यादव ने प्रबुद्ध समाज को कम्फर्ट जोन छोड़ना चाहिए तभी शासन सही तरीके से चलेगा। डा. यूवी यादव ने कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा का संकटमोचक बताया तथा प्रबुद्ध जनों से आहवान किया कि वह कंफर्ट जोन छोड़े और शासन तंत्र को सही तरीके से नियंत्रित करें। 
वरिश्ठ चिकित्सक डॉ. आलोक मिश्र ने कहा कि आज लोकतंत्र कराह रहा है तथा जो भी परिवर्तन समाज में सम्भव है वह लोकतंत्र के माध्यम से ही सम्भव है। प्रबुद्ध समाज की यह भूमिका है कि वह प्रशासन को समय-समय पर अवगत कराता रहे।

बार काउन्सिल के सदस्य अमरेन्द्र नाथ सिंह ने आवाहन किया कि भविष्य सवारने के लिए अपना वोट डालते है। पिछले 25 वर्षो मंे देश में एक ऐसा वातावरण बना कि प्रदेश में डाक्टर के अपहरण का उद्योग बन गया। 
उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ जनपद राहुल सांकृत्यायन का जनपद रहा है लेकिन पूर्व सरकारों ने आजमगढ़ को आतंकवादियों की भूमि बना दिया। 
 कार्यक्रम की अध्यक्षता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने की। संचालन प्रभूतिकांत तथा संदीप कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम में सत्य प्रकाश राय, विजय प्रकाश मिश्र, अवधेश राय, पवन शुक्ला, अमित शाकुंतम, संजीव पांडेय, प्रशांत मिश्र, हरिवंश सिंह आदि मौजूद थे।

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